शनि की साडेसाती / ढइय्या :
पाठको पहेले आप साडेसाती या ढइय्या का अर्थ समजे | आपकी जो राशि जो भी है, राशि 12 भाव, 01 भाव, 2 भाव पर जब शनि का गोचर (भ्रमण) होता है उसे साडेसाती कहते है |
उदा. समजो अब शनि का भ्रमण वृश्चिक राशि पर है तो धनु, वृश्चिक, तुला ( 9, 8,7 ) राशि को साडेसाती चल रही है, एक राशि पर शनि ढाई साल भ्रमण करता है यानि साडेसाती साड़ेसात साल चलती है | और राशि से चौथी और अष्ठम राशि पर शनि भ्रमण करता है तो इसे ढइय्या कहते है | जैसे वर्तमान में कुम्भ, मिथुन राशि को ढइय्या चल रही है | ढइय्या भी ढाई साल रहती है
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साडेसाती/ढइय्या के प्रभाव से मनुष्य का जीवनी में बहोत संघर्षमय होता है | उतार चड़ाव का अनुभव करता है |
साडेसाती के उपाय : इसका सबसे अच्छा उपाय है के अपने दिनचर्या को नियमित करे, जोखिमपूर्ण कामो से बचे | कर्ज न लेवे , स्वाथ्य का विशेष ध्यान रखे | धन सम्बन्धी लेंन देंन बचे | व्यापार में जरुरत पड़ने पर हि पूंजी लगाये|
भगवान शनि का नित्य आराधना करे , ॐ शं शनिश्चारय नम: जप करे | शनि चालीसा का पाठ करे | शनिवार को शनि भगवान को तेल, तिल, काले उड़द, लोहा ई.से अभिषेक करे, तथा शिव लिंग पर दूध, काले तिल से अभिषेक करे | पीपल के पेड़ के निचे सरसों के तेल का दीपक जलाये | काले कपडे, लोहा, काले छतरी, काला कम्बल का दान की बुजुर्क को करे | बुजुर्क को कभी कष्ट न देवे | वृध्य आश्रम में शनिवार को जाकर उनकी मदत अवश्य करे | यह उपाय करने से साडेसाती के कष्टों से निवारण किया जा सकता है |
वृष, तुला कुम्भ राशि के लोगों पर साडेसाती प्रभाव कम तथा मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक राशि पर साडेसाती का प्रभाव जादा देखा गया है |
पाठको पहेले आप साडेसाती या ढइय्या का अर्थ समजे | आपकी जो राशि जो भी है, राशि 12 भाव, 01 भाव, 2 भाव पर जब शनि का गोचर (भ्रमण) होता है उसे साडेसाती कहते है |
उदा. समजो अब शनि का भ्रमण वृश्चिक राशि पर है तो धनु, वृश्चिक, तुला ( 9, 8,7 ) राशि को साडेसाती चल रही है, एक राशि पर शनि ढाई साल भ्रमण करता है यानि साडेसाती साड़ेसात साल चलती है | और राशि से चौथी और अष्ठम राशि पर शनि भ्रमण करता है तो इसे ढइय्या कहते है | जैसे वर्तमान में कुम्भ, मिथुन राशि को ढइय्या चल रही है | ढइय्या भी ढाई साल रहती है
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साडेसाती/ढइय्या के प्रभाव से मनुष्य का जीवनी में बहोत संघर्षमय होता है | उतार चड़ाव का अनुभव करता है |
साडेसाती के उपाय : इसका सबसे अच्छा उपाय है के अपने दिनचर्या को नियमित करे, जोखिमपूर्ण कामो से बचे | कर्ज न लेवे , स्वाथ्य का विशेष ध्यान रखे | धन सम्बन्धी लेंन देंन बचे | व्यापार में जरुरत पड़ने पर हि पूंजी लगाये|
भगवान शनि का नित्य आराधना करे , ॐ शं शनिश्चारय नम: जप करे | शनि चालीसा का पाठ करे | शनिवार को शनि भगवान को तेल, तिल, काले उड़द, लोहा ई.से अभिषेक करे, तथा शिव लिंग पर दूध, काले तिल से अभिषेक करे | पीपल के पेड़ के निचे सरसों के तेल का दीपक जलाये | काले कपडे, लोहा, काले छतरी, काला कम्बल का दान की बुजुर्क को करे | बुजुर्क को कभी कष्ट न देवे | वृध्य आश्रम में शनिवार को जाकर उनकी मदत अवश्य करे | यह उपाय करने से साडेसाती के कष्टों से निवारण किया जा सकता है |
वृष, तुला कुम्भ राशि के लोगों पर साडेसाती प्रभाव कम तथा मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक राशि पर साडेसाती का प्रभाव जादा देखा गया है |